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Paramartha Guru story Part 2

Paramartha Guru story Part 2
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Comedy Story for Kids 2



     1.अक्कल बड़ी या भैस


एक समय की बात है युवा और वृद्ध लोगो का समूह जंगल में लकड़ियाँ काटने का काम करता था।
युवा लड़के काफी महेनती काम करते थे। बल्कि वे अपने ब्रेक टाइम में भी लगातार काम करते रहते और हमेशा शिकायत करते थे की वृद्ध लोग व्यर्थ समय गवाते है, दिन में कयी बार ब्रेक लेते है और लगातार एक दुसरे से बाते करते रहते है। जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे युवा लडको ने पाया की उनके ज्यादा समय और ब्रेक टाइम में काम करने के बावजूद वृद्ध लोग उन्ही के जितनी लकड़ियाँ काटते थे और कभी-कभी तो यह संख्या युवा लडको से ज्यादा भी हो जाती थी। यह देखकर युवा लडको को लगा की शायद वृद्ध लोग ब्रेक टाइम में भी छुपकर काम करते होंगे। इसीलिए युवा लडको ने निर्णय लिया की वे अगले दिन से और ज्यादा मेहनत लगाकर काम करेंगे, लेकिन फिर भी दुर्भाग्य से नतीजा ख़राब ही रहा।

एक दिन, किसी वृद्ध पुरुष ने युवा लड़के को ब्रेकटाइम में ड्रिंक के लिए आमंत्रित किया। लेकिन उस युवा लड़के ने आने से इंकार कर दिया और कहा की उनके पास व्यर्थ समय नही है। यह सुनकर ही वृद्ध पुरुष उस युवा लड़के की तरफ देखकर मुस्कुराया और कहा की अपने चाकू की धार समय-समय पर तेज़ किये बिना ही पेड़ो को लगातार काटते रहना समय और मेहनत दोनों व्यर्थ गवाने के बराबर है। आज या कल कभी न कभी तुम हार मान ही लोंगे और पूरी तरह से थकने के बाद तुम्हे ज्ञात होगा की तुमने बहुत सी उर्जा व्यर्थ गवा दी है।

यह सुनकर अचानक ही उस युवा लड़के को याद आया की ब्रेक टाइम में वृद्ध पुरुष बाते करने के साथ-साथ अपने चाकू की धार को भी तेज़ किया करते थे! और इसी वजह से वे कम समय में हमसे ज्यादा लकड़ियाँ काट पाते थे! फिर वृद्ध पुरुष ने कहा की हमें अपनी कार्यक्षमता का उपयोग हमारी योग्यता और ज्ञान के आधार पर करना चाहिये। तभी हम कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा काम कर सकेंगे।

वर्ना आप हमेशा यही करते रहोगे की – मेरे पास समय नही है।


काम करते समय थोडा ब्रेक लेने से आपको ताजगी मिलेगी, आपकी सोच तेज़ होगी और आप तेज़ी से काम कर पाओगे। लेकिन ब्रेक लेने के बाद हमें काम करना नही छोड़ देना चाहिए बल्कि हमें ब्रेक के बाद किये जाने वाले काम की सही योजना बनानी चाहिए।

अच्छा सोचे, अच्छे से काम करे और अच्छा आराम करे।

मजदुर गर्मी और सर्दी की परवाह किये बगैर सबसे अधिक मेहनत करता है और कंपनी का मालिक एयरकंडीशनिंग ऑफिस में बैठकर आर्डर देता है। लेकिन फिर भी कंपनी के मालिक की आमदनी, मजदुर की आमदनी से हजारो गुना ज्यादा होती है। ऐसा हम हर क्षेत्र में देखते है की जैसे-जैसे मेहनत कम होती जाती है वैसे-वैसे आमदनी बढती जाती है।

दुनिया में इंसान से हजारो गुना शक्तिशाली प्राणी मौजूद है लेकिन फिर भी मनुष्य को सबसे शक्तिशाली प्राणी कहा जाता है क्योकि इंसान अपनी बौद्धिक क्षमताको से कुछ भी कर सकता है। यह सच है की मेहनत के बिना कुछ नही किया जा सकता लेकिन जब मेहनत में बुद्धि और रचनात्मकता का उपयोग नही किया जाता तब तक मेहनत की कोई कीमत नही। इंसान की सबसे बड़ी ताकत उसकी बुद्धि होती है, जिससे वह कुछ भी कर सकता है। मेहनत का कोई शोर्ट कट नही होता नही अगर मेहनत को रचनात्मकता और बुद्धि के साथ किया जाता है तो आपका काम सबसे आसान हो जाता है।

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